📍 ग्वालियर | The Xpose Express
कोरोना ने जिनका सब कुछ छीन लिया, अब वही महिलाएं सिस्टम के बेरहम रवैये से टूट रही हैं। ग्वालियर की दो महिलाएं – देवरानी सुरुचि और जेठानी – जिनके पति महामारी के दौरान चल बसे, अब कर्ज देने वाले बैंकों और बीमा कंपनियों की प्रताड़ना का शिकार हो रही हैं।
इन महिलाओं के पति सुरेंद्र भदौरिया और उनके भाई ने मिलकर दो इंडस्ट्रीज शुरू की थीं। इन फैक्ट्रियों को खड़ा करने के लिए उन्होंने बैंकों से लाखों रुपये का लोन लिया। लेकिन कोरोना ने दोनों भाइयों की जान ले ली और उनके साथ ही बंद हो गईं फैक्ट्रियां।
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पीड़ित परिवार मीडिया के सामने आया, तो उनकी आंखों में सिर्फ दर्द और सवाल थे –
“जब बड़े उद्योगपतियों के हजारों करोड़ माफ हो सकते हैं, तो हम विधवाओं का कर्ज क्यों नहीं?”
🔥 त्रासदी पर त्रासदी
पति की मौत के बाद दोनों महिलाओं ने हिम्मत जुटाकर फैक्ट्रियां फिर से शुरू कीं, लेकिन किस्मत को ये भी मंजूर न था। फैक्ट्री में आग लग गई और सारा सामान जलकर राख हो गया। न मुआवजा मिला, न कोई राहत।
अब बीमा कंपनी वाले भी चक्कर कटवा रहे हैं।
“बीमा क्लेम को लेकर हमें दौड़ाया जा रहा है, मदद कोई नहीं करता,” – सुरेंद्र की बहन का आरोप।
💔 "हमने हर दरवाज़ा खटखटाया"
महिलाओं का कहना है कि उन्होंने प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक सबको अपनी स्थिति बताई, लेकिन सबने अनसुना कर दिया। मजबूर होकर उन्हें मीडिया के सामने आना पड़ा।
👉 पीड़ित परिवार की साफ मांग है कि सरकार उनकी स्थिति को समझते हुए लोन माफ करे और बीमा क्लेम की तुरंत कार्रवाई कराए।
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