निगम के स्वास्थ्य प्रभारी ने कराई पूरे विभाग की सर्जरी, कमिश्नर सहित सभी प्रतिनियुक्तियां निरस्त, असिस्टेंट कमिश्नर पर चलेगा अवमानना का मुकदमा
ग्वालियर
वेटरनरी डॉक्टर को नगर निगम में स्वास्थ्य विभाग का प्रभारी बनाए जाने के मामले ने पूरे डिपार्टमेंट की ही सर्जरी करवा दी। महिला डॉक्टर अनुराधा गुप्ता ने वेटरनरी डॉक्टर अनुज शर्मा की बतौर स्वास्थ्य अधिकारी निगम में नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
जब इस मामले में सुनवाई चली तब पता चला कि अलग-अलग विभागों से अपनी सुविधा के मुताबिक कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने नगर निगम में अरसे से अपना ठिया जमा रखा है। हाई कोर्ट ने अपने लगभग 150 पेज के ऑर्डर में प्रतिनियुक्ति पर आए 61 कर्मचारियों की नियुक्ति तुरंत रद्द करने के आदेश दिए हैं। वहीं निगम कमिश्नर संघ प्रिय गौतम की नियुक्ति को भी अवैध ठहराया है। हाई कोर्ट ने अपने ऑर्डर में कहा है कि शासन ने निगम कमिश्नर संघ प्रिय की नियुक्ति के मामले में धारा 54 के प्रावधानों का पालन नहीं किया है। इसलिए उनकी नियुक्ति अवैध है। हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद अब स्थानीय निकायों में प्रति नियुक्ति पर आने वाले अफसर और कर्मचारियों की पोस्टिंग पर ब्रेक लगेगा वहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की नियुक्ति में भी धारा 54 का संज्ञान लिया जाएगा। क्योंकि ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर के अलावा राज्य के कई नगर निगम में इसी तरह से कमिश्नर स्तर के अधिकारी नियुक्त हैं। इसके अलावा नगर निगम के ही असिस्टेंट कमिश्नर अनिल दुबे को झूठा शपथ पत्र देने के मामले में कोर्ट की अवमानना का सामना करना पड़ेगा। हाई कोर्ट ने नगर निगम कमिश्नर को आदेशित किया है कि 15 दिनों के भीतर इन 61 कर्मचारियों की प्रति नियुक्ति को रद्द कर कोर्ट को अवगत कराया जाए ।अब इस मामले की सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में होगी। खास बात ये है कि ग्वालियर नगर निगम में डिप्टी कमिश्नर असिस्टेंट कमिश्नर सहित विभिन्न विभागों में कई अधिकारी और कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर अरसे से जमे हुए हैं। इन लोगों ने अपनी नियुक्ति के लिए राजनीतिक प्रभाव का भी इस्तेमाल किया है। ऐसा इन कर्मचारियों की प्रति नियुक्ति आदेश की जांच पड़ताल में कोर्ट के सामने आया है।