ग्वालियर:
ग्वालियर की धरती पर इन दिनों हर चर्चा का केंद्र हैं भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया।
चाहे खेल की दुनिया हो या राजनीति का अखाड़ा — सिंधिया की मौजूदगी और मुखरता ने शहर को सुर्खियों में ला दिया है।
टी-20 मध्य प्रदेश लीग को लेकर उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि युवाओं के लिए सपनों की शुरुआत है। महिला खिलाड़ियों के प्रदर्शन को उन्होंने विशेष रूप से सराहा और भरोसा जताया कि ग्वालियर भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की नर्सरी बनेगा।
उन्होंने जानकारी दी कि बीसीसीआई से ग्वालियर स्टेडियम के लिए 50 करोड़ रुपये की सहायता राशि मिल चुकी है। सिंधिया ने कहा कि जल्द ही इस स्टेडियम की क्षमता बढ़ाकर 40,000 दर्शकों तक की जाएगी, जिससे ग्वालियर बड़े आयोजन का केंद्र बन सके।
राजनीतिक मंच पर भी सिंधिया का बयान चर्चा में रहा।
डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समर्थन में कांग्रेस द्वारा रखे गए उपवास पर उन्होंने सीधा हमला बोला।
उन्होंने कहा —
"कांग्रेस को 25 जून को आपातकाल की 50वीं बरसी मनानी चाहिए, क्योंकि यही वह दिन था जब देश में लोकतंत्र का गला घोंटा गया था।"
सिंधिया ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इस पार्टी ने ही संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर का अपमान किया और आज उन्हीं के नाम पर दिखावा कर रही है।
उन्होंने उपवास को राजनीतिक नौटंकी बताया और कहा कि यह आत्ममंथन का नहीं, आत्मप्रदर्शन का प्रयास है।
ग्वालियर विमानतल पर सिंधिया के आगमन पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने शक्तिपूर्ण स्वागत किया। इस दौरान प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
स्पष्ट है — ग्वालियर में सिंधिया की मौजूदगी न केवल विकास की योजनाएं ला रही है, बल्कि राजनीतिक समीकरण भी बदल रही है।
वे इस समय ग्वालियर की राजनीति और पहचान — दोनों का चेहरा बनकर उभरे हैं।