ग्वालियर
"ज़रा सोचिए... आप मजदूरी कर रहे हों और अचानक जमीन से मिल जाए 20 किलो सोना!
खजाना मिलते ही कहानी बदल जाती है... भरोसे को तोड़ देती है लालच की दीवार!
ग्वालियर के खासगी बाजार में एक ऐसा ही किस्सा सामने आया है —
जहां मजदूरों को मिला छुपा हुआ खजाना… और अब उसी खजाने को लेकर चल रही है गद्दारी, धमकी और धोखे की जंग!
कोई कह रहा है – "मेरा हिस्सा हड़प लिया गया"... तो कोई कह रहा है – "पुलिस से बचाने के बहाने सोना ले लिया!"
19 साल पुराने इस राज़ से अब उठा है पर्दा... और अब पूरा मामला पहुंचा है एसपी ऑफिस तक।
क्या है 20 किलो सोने की सच्चाई?
कौन है खज़ाने का असली मालिक?
और क्या पुलिस खोलेगी इस सोने की तिजोरी से जुड़ी साजिश की परतें...?
बिलकुल, चलिए पूरे मामले को सिलसिलेवार तरीके से समझाते हैं — ताकि आप खुद भी स्क्रिप्ट बना सकें, या किसी को विस्तार से समझा सकें।
🟥 क्या है पूरा मामला? | घटनाक्रम विस्तार से
📍 स्थान:
ग्वालियर का खासगी बाजार क्षेत्र।
📅 वर्ष:
साल 2006 में यह घटना हुई थी।
👷♂️ मजदूर कौन थे?
राजू प्रजापति
बल्लू प्रजापति
(ये दोनों एक मकान की तुड़ाई का काम कर रहे थे।)
💰 मामले की जड़ क्या है?
जब ये दोनों मजदूर मकान गिरा रहे थे, तब उन्हें जमीन में दबा हुआ 20 किलो सोना मिला — जेवराती सोना (यानि सोने के गहने)।
👉 अब ये कोई सरकारी काम नहीं था, ना ही उन्होंने पुलिस या प्रशासन को इसकी जानकारी दी।
दोनों ने आपस में चुपचाप उस सोने को आधा-आधा बांट लिया।
⚠️ विवाद की शुरुआत
समय बीता और राजू और बल्लू के बीच मनमुटाव हो गया।
बल्लू के साथ जुड़े भागीरथ और छोटेलाल प्रजापति ने राजू को घेर लिया।
राजू का गंभीर आरोप है कि:
> "भागीरथ और छोटेलाल ने मेरी पत्नी कमला को धमकाया। कहा कि पुलिस में रिपोर्ट कर देंगे, जेल हो जाएगी। डर के मारे हमने 10 किलो सोना उनके हवाले कर दिया। तब कहा गया कि मामला शांत होने के बाद सोना वापस कर देंगे। लेकिन आज तक नहीं लौटाया, उल्टा धमकी मिलने लगी।"
🚨 अब क्या हुआ?
अब करीब 19 साल बाद, राजू प्रजापति ने गुरुवार को ग्वालियर के एसपी ऑफिस पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है।
उसने कहा कि उसका 10 किलो सोना दबा लिया गया है, और भागीरथ और छोटेलाल प्रजापति इसके जिम्मेदार हैं।
👉 पुलिस ने इस पूरे मामले में जांच शुरू कर दी है।
❓ अब कुछ अहम सवाल
1. क्या सच में जमीन से 20 किलो सोना मिला था?
अगर हां, तो इतने साल तक किसी को खबर क्यों नहीं लगी?
2. राजू के पास इसका सबूत क्या है?
क्या उसके पास कोई गवाह है, या कोई हिस्सा सोना जो बचा हो?
3. धमकी देने का कोई ऑडियो/वीडियो या गवाह है क्या?
पुलिस इन्हीं पहलुओं की जांच कर रही है।
🔴 क्यों है ये मामला सनसनीखेज?
20 किलो सोना कोई मामूली बात नहीं है।
इतने साल बाद इसका खुलासा होना खुद में चौंकाने वाला है।
मजदूरों के बीच खजाने की लड़ाई — और आपसी विश्वासघात — ये सब किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगता।