श्योपुर |
पार्वती नदी की विनाशलीला थमी जरूर है, लेकिन पीछे छोड़ गई है ऐसी कहानियां, जो दिल दहला देती हैं। जैसे ही पानी उतरा, मध्यप्रदेश के आमलदा गांव से जो दृश्य सामने आया, उसने हर किसी की आंखें नम कर दीं।
एक खेत के किनारे — मिट्टी में सनी दो लाशें…
बाप और बेटा… एक-दूसरे से लिपटे हुए…
ऐसा लग रहा था मानो शिवम यादव अपने 10 साल के मासूम बेटे को आखिरी सांस तक बचाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन प्रकृति के इस तांडव के आगे वो भी हार गए।
ग्रामीणों ने बताया कि शिवम और उनका बेटा मंगलवार शाम से लापता थे। जब पार्वती का पानी उतरा, तो पिता-पुत्र की लाशें खेत में इस हाल में मिलीं कि देखने वालों की रूह कांप गई।
नदी तो अब शांत है, लेकिन उस गांव की गलियों में मातम है, और हर आंख सवाल कर रही है —
क्या ये सिर्फ बारिश थी? या फिर सिस्टम की लापरवाही का कोई और शिकार?
📍 यह सिर्फ खबर नहीं, एक चीख है उस परिवार की, जिसने अपनों को खोया…
🕯️ और एक सबक भी — कि बाढ़ सिर्फ पानी नहीं लाती, साथ लाती है दर्द की लहरें, जो सालों तक सूखती नहीं।
🔗 हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करें: https://facebook.com/thexposeexpress
📸 Instagram पर जुड़ें: https://instagram.com/thexposeexpress
📺 YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें: https://youtube.com/@thexposeexpress
💔 हम दिखाते हैं वो जो अख़बारों में दबा दिया जाता है... हम हैं The Xpose Express