ग्वालियर जिले के पवाया क्षेत्र में मंगलवार को सवर्ण समाज के लोगों ने कुछ ग्रामीणों के साथ मिलकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में बाल्मीकि समाज के लोग जानबूझकर अपने सूअर खेतों में छोड़ देते हैं, जिससे उनकी फसलें बर्बाद हो जाती हैं। इसको लेकर पहले पंचायत में साफ हिदायत दी गई थी कि बाल्मीकि समाज के लोग अपने सूअरों को घरों में ही रखें, लेकिन इसके बावजूद बार-बार ऐसा किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि जब उन्होंने इस बारे में आपत्ति जताई तो पुलिस ने उल्टा उनके ही खिलाफ एससी-एसटी (एट्रोसिटी) एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दिया। उनका आरोप है कि यह कार्रवाई कुछ अधिकारियों के इशारे पर की गई है, जिससे पूरे गांव के निर्दोष लोगों में आक्रोश है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्होंने किसी पर हमला नहीं किया था, बल्कि बाल्मीकि समाज के कुछ लोगों ने खुद ही अपना सिर फोड़ लिया और उन्हें झूठे केस में फंसा दिया गया।
ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने और निर्दोषों पर लगे झूठे मुकदमे वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे आगे भी आंदोलन जारी रखेंगे।
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