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बीमा कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी दलालों के जरिए निकाल रहे थे लोन, महिला सहित सात गिरफ्तार

 ग्वालियर 

क्राइम ब्रांच पुलिस ने एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस से फर्जी दस्तावेज से लोन निकालने वाली गैंग के 7 जालसाजों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक महिला भी शामिल है।यह पूरा गोरखधंधा भारतीय जीवन बीमा निगम के  अधिकारियों और कर्मचारियों की सांठगांठ से चल रहा था। इसमें एलआईसी का डीएसए (बाबू)संजीव भदौरिया भी शामिल है। इसमे शामिल बीमा निगम का मैनेजर फरार है। इन लोगों द्वारा फर्जी कागजों के सहारे 86 लाख रुपए के चार लोन पास कराने का खुलासा हुआ है।  पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ कर इसमें शामिल अन्य आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।



दरअसल ग्वालियर के हजीरा निवासी संजीव शर्मा ने कुछ समय पहले LIC से लोन के लिए आवेदन दिया था। उन्हें बताया गया कि लोन नहीं मिल सकता। उनके नाम से LIC में 28 लाख रुपए का लोन उनके ऊपर पहले से चल रहा है। यह सुनकर संजीव ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की थी जिसके बाद पुलिस जांच में खुलासा हुआ की LIC के हाउसिंग फाइनेंस में जालसाजों का गैंग ऑपरेट कर रहा है। जिन लोगों का सिबिल स्कोर खराब है उन्हें गिरोह फर्जी दस्तावेजों से कर्जा दिलाने का ठेका लेता है। पूरा खेल सांठगांठ से चल रहा है। खासबात तो यह थी कि संजीव की शिकायत पर पुलिस जांच कर रही है भनक लगने पर ठगों ने आनन फानन में संजीव के नाम से लिया गया लोन भी जमा कर दिया। इस दौरान क्राइम ब्रांच पुलिस को पता चला कि इस खेल का मास्टरमाइंड प्रवीण अग्रवाल निवासी लक्कड़खाना सरदार की मल्टी कंपू का रहने वाला है। प्रवीण मैग्मा फाइनेंस सर्विस में लोन एजेंट रह चुका है। उसे लोन दिलाने के लिए जरूरी दस्तावेज और खानापूर्ति की पूरी जानकारी थी। प्रवीण ने लोन दिलाने के दौरान कई लोगों के मूल दस्तावेज चोरी से अपने पास जमा कर रखे थे। हाउसिंग फाइनेंस के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर इन्हीं दस्तावेजों के जरिए फर्जी लोगों के नाम से लोन कराता था सरगना प्रवीण ने खुलासा किया गिरोह में सबका काम बटा था। वह सिर्फ दस्तावेज लाकर देता था। उसके आधार पर कर्ज लेने वाले के नाम से संपति के फर्जी दस्तावेज बनाते थे। LIC की टीम इनका वेरीफिकेशन करती थी सब कुछ ठीक बताकर फर्जी कर्जदार को लोन पास कराया जाता था। इसमें सबसे बडा हिस्सा प्रवीण का होता था। बाकी रकम में LIC के हाउसिंग फाइनेंस के मैनेजर, बाबू और बाकी टीम का कमीशन और बचा हुआ पैसा कर्जदार को दिया जाता था। उसे यह भरोसा भी दिलाते थे कि पैसा लेकर मजे करो कर्जा भरने की भी जरूरत नहीं है। पुलिस ने आरोपी जालसाजों से कई संस्थानों की सील, फर्जी दस्तावेज, लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर समेत तमाम सामान बरामद कर जप्त किया है। जबकि इस मामले में LIC हाउसिंग फाइनेंस का मैनेजर हितेंद्र सोनी अभी फरार हो गया है। फिलहाल पुलिस ने महिला सहित सात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद आरोपियों से पूछताछ करते हुए फरार अन्य आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस को आशंका है कि इसमे और भी मामलों का खुलासा हो सकता हैं। जिसमें और भी आरोपियों की संलिप्तता हो सकती हैं। जिसको लेकर भी जांच कर रहे हैं।


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