हजारों किलोमीटर किया सफर 11 राज्य और 50 जिलों में की पड़ताल
नई दिल्ली
बीबीसी संवाददाता अभिनव गोयल की एक रिपोर्ट से उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गई है ।इसी साल फरवरी महीने में लगे प्रयागराज के महाकुंभ मेले में 82 श्रद्धालुओं की भगदड़ के दौरान मौत हुई थी। यह 82 वह लोग हैं जिनके सबूत बीबीसी संवाददाता अभिनव गोयल ने जुटाए हैं और उनके फोटो भी जारी किए हैं।
जबकि कुछ लोग अभी भी लापता है यानी मृतकों का आंकड़ा कहीं ज्यादा हो सकता है ।खास बात यह है कि कुंभ मेले में अमृत बरस रहा है इस तरह की उद्घोषणा से श्रद्धालुओं के बीच पहले नहाने के चक्कर में अव्यवस्थाओं के चलते भगदड़ मच गई थी।
जिससे कई महिला पुरुष और बच्चे इस महाकुंभ के दौरान कुचलने से मर गए ।इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई सवालों में घिर गई है। क्योंकि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने भगदड़ में मरने वालों की संख्या का आंकड़ा दूसरे दिन खोला। जबकि भगदड़ वाले दिन चार स्थानों पर ये घटनाएं हुई थीं। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों की मौत पर दुख जता कर अपनी संवेदना प्रकट की। बीबीसी संवाददाता सरकारी तौर पर भगदड़ में मृत घोषित किए गए 36 लोगों के अलावा उन लोगों के बीच गए जिन्हें यूपी सरकार के अफसरो ने बीमारी के दौरान मौत होने की बात का दावा बताकर पांच लाख रुपये की नकद मदद की थी जबकि सरकारी मुआवजे में नगद राशि देने का कोई प्रावधान नहीं है। 26 लोगों को 5-5 लाख रुपये की राशि जारी की गई थी। जबकि 19 लोगों को कोई मुआवजा नहीं मिला है। फिलहाल बीबीसी की ताजा रिपोर्ट से यूपी सरकार की नींद उड़ गई है।