ग्वालियर:
राज्यसभा सांसद और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडे ने बुधवार को कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को देश पर थोपी गई इमरजेंसी भारतीय लोकतंत्र का काला दिन था। उन्होंने दावा किया कि उस दौर में संविधानिक अधिकारों को रौंदा गया, और आवाज़ उठाने वालों को जेलों में ठूंस दिया गया।
सरोज पांडे ग्वालियर में इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर बेरहमी की सारी हदें पार कर दी गईं, यहां तक कि जिनकी शादी भी नहीं हुई थी, उनकी भी नसबंदी कर दी गई।
कार्यक्रम में सांसद भारत सिंह कुशवाह, पूर्व सांसद नारायण कृष्ण शेजवलकर, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
बीजेपी नेताओं ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान देश को आशाहीनता और दमन की आग में झोंक दिया गया, जहां लोगों के पास उम्मीद की कोई किरण नहीं बची थी।
सांसद सरोज पांडे ने कहा कि कांग्रेस को आज के दिन अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस के उपवास-धरना कार्यक्रम पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि जो पार्टी बाबा साहब अंबेडकर को कभी सम्मान नहीं दे सकी, वह आज संविधान निर्माता की प्रतिमा को लेकर नौटंकी कर रही है।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब को अपमानित करने का काम कांग्रेस ने ही किया, और आज उसी कांग्रेस द्वारा हाईकोर्ट में की जा रही प्रतिमा स्थापना की मांग बेमानी और राजनीतिक स्टंट है।
> इमरजेंसी की बरसी पर बीजेपी ने जहां लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प दोहराया, वहीं कांग्रेस को उसके "ऐतिहासिक अपराधों" की याद दिलाई।