ग्वालियर
संविधान निर्माता एवं भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर चल रहे विवाद ने अब पूरी तरह से राजनीतिक रंग ले लिया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सहित पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष सहित सभी लोगों ने एक दिन का सामूहिक उपवास धरना दिया। स्थानीय सूर्य नमस्कार चौराहे पर दिए गए उपवास और धरना कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एवं बहुसंख्यक वर्ग से जुड़े संगठन के प्रतिनिधि पहुंचे।
कार्यक्रम में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित कांग्रेस के सभी आंचलिक विधायक और पदाधिकारी बड़ी संख्या में इस आंदोलन में शामिल हुए। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी डॉक्टर अंबेडकर के संविधान को खत्म करना चाहती है। इसके लिए उसने आपातकाल की 50 वीं सालगिरह को काला दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है ।कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपनी नकारात्मक सोच के चलते हमारे महापुरुषों का इतिहास खत्म करने की कोशिश में है ।इसके लिए वह इमरजेंसी के आगाज को काला दिवस के रूप में मना रही है। लेकिन वह ऐसा होने नहीं देंगे। वहीं अन्य विधायक साहब सिंह गुर्जर ने कहा कि भाजपा पहले पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को लेकर अपनी नकारात्मक सोच का प्रदर्शन करती रही है फिर उसके निशाने पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आए और अब संविधान निर्माता डॉक्टर अंबेडकर को उसने अपने निशाने पर लिया है ।लेकिन कांग्रेस अहिंसात्मक रूप से बीजेपी के प्रयासों को सफल नहीं होने देगी। विधायक गुर्जर ने कहा कि अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीजेआई को इस प्रतिमा को ससम्मान हाई कोर्ट के ग्वालियर परिसर में डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा की स्थापना की कोशिश करनी चाहिए।