ग्वालियर
संविधान निर्माता एवं भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर उठे विवाद में अब कांग्रेस ने भी एंट्री ले ली है। इससे पहले कांग्रेस के अधिकांश विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में प्रेस कांफ्रेंस के जरिए हाई कोर्ट परिसर में बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा लगाने का न सिर्फ पुरजोर समर्थन किया था बल्कि सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की भी मांग की थी।
राष्ट्रीय स्तर पर भी अब यह मामला राजनीतिक दलों ने अपने संज्ञान में लिया है। एक ओर भाजपा और उसके घटक दल डॉ अंबेडकर की प्रतिमा का कथित रूप से विरोध कर रहे हैं वहीं बहुसंख्यक समाज को अब कांग्रेस का साथ मिला है।गुरुवार को कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट में बाबा साहब की प्रतिमा लगाई जा सकती है तो ग्वालियर हाईकोर्ट में ये प्रतिमा क्यों नहीं लगाई जा रही। उन्होंने कहा कि वे इसके लिए मुख्यमंत्री और मुख्य न्यायाधीश से भी बात करेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर ये संविधान बनाया है जिससे सामाजिक समरसता कायम रहे ।लेकिन कुछ कतिपय लोग अब बाबा साहब की मूर्ति का विरोध कर रहे हैं। ऐसे लोगों की पहचान की जाना चाहिए ।
गौरतलब है कि ग्वालियर हाईकोर्ट में पिछले दिनों डॉ भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा विवाद सामने आया था जिसके बाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और प्रतिमा समर्थक वकीलों के गुट ने काफी हंगामा किया था। वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी प्रतिमा लगाने को लेकर अनुमति की बात कही थी। वहीं कांग्रेस भी मध्यप्रदेश में खिसकते जनाधार के चलते दलित वोटबैंक को साधने के लिए अम्बेडकर विवाद को हवा देने में जुट गई है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में चुप्पी साधे बैठी भाजपा सरकार का क्या रुख होगा।
बाइट-: गोविंद सिंह... (पूर्व नेता प्रतिपक्ष)