ग्वालियर से बैंगलुरु तक अब सीधी ट्रेन सेवा की सौगात...
मंच पर मुख्यमंत्री, रेल मंत्री और वो चेहरा... जो हमेशा जमीन से जुड़कर दिखता है — केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया।
हरी झंडी दिखाई, लेकिन फिर VIP एसी कोच नहीं... सीधे पहुंचे आम जनता के बीच... जनरल कोच में बैठे... गर्मी, उमस और भीड़ के बीच की "जनता की यात्रा"।
ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर ऐतिहासिक पल...
गाड़ी संख्या 11085/86 ग्वालियर-बेंगलुरु एक्सप्रेस को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना...
लेकिन सबकी नज़रें उस पल पर ठहर गईं, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद उसी ट्रेन के जनरल डिब्बे में चढ़ गए...
"एसी कोच की आरामदायक सीटें छोड़कर सिंधिया पहुंचे आम जनता के बीच... और वहीं से शुरू हुई एक ऐसी यात्रा... जो सिर्फ राजनीतिक नहीं, भावनात्मक संदेश भी दे गई..."
"ग्वालियर चंबल अंचल के लोगों को बैंगलुरु तक पहुंचने के लिए बहुत तकलीफ होती थी... ये ट्रेन अब उनके लिए वरदान है... मैं प्रधानमंत्री मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार प्रकट करता हूं..."
यह ट्रेन ग्वालियर से होते हुए शिवपुरी, गुना, अशोकनगर को जोड़ेगी बैंगलुरु से...
एक ऐसा रेल रूट, जो चंबल अंचल की कनेक्टिविटी का सपना पूरा करेगा...
"ग्वालियर में एलिवेटेड रोड बन रहा है, रेलवे स्टेशन का पुनर्निर्माण हो रहा है, हवाई अड्डा वर्ल्ड क्लास बन चुका है... और अब ये ट्रेन... मैं दावे से कह सकता हूं — ग्वालियर बदल रहा है..."
और यही नहीं... सिंधिया ने ये भी याद दिलाया कि ग्वालियर और रेलवे का रिश्ता नया नहीं है...
ये रिश्ता है सिंधिया राजवंश से...
ग्वालियर लाइट रेलवे से लेकर आज की इस एक्सप्रेस ट्रेन तक... एक ही संकल्प — "जनता को सुविधा, ग्वालियर को तरक्की"।
तो ये था वो पल... जब नेता नहीं, जनता का सेवक बनकर सामने आए ज्योतिरादित्य सिंधिया।
गर्मी थी, भीड़ थी... लेकिन संकल्प भी उतना ही दृढ़ —
"ग्वालियर को बदलना है, तो ज़मीन से जुड़कर चलना होगा..."