ग्वालियर
महंगाई और टैक्स के भारी दबाव से जूझ रही आम जनता के कंधों पर एक बार फिर बड़ा हथौड़ा चलने वाला है। इस बार इस हथौड़े की चपेट में गरीब और मध्यम वर्ग का नागरिक का सरकार का शिकार होगा।
जो अपनी मेहनत मजदूरी करने एक शहर से दूसरे शहर अपनी बाइक से जाता है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी के एक वक्तव्य को लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इन दिनों सुर्खियां छाई हुई हैं जिसमें उन्होंने बताया है कि भविष्य में लोग टोलटैक्स को लेकर सवाल पूछना ही बंद कर देंगे।इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में दो पहिया वाहनों सहित तीन पहिया वाहनों पर भी नाकों से गुजरते समय टोलटैक्स देना होगा। सरकार पहले ही टोलटैक्स में तीन गुना इजाफा कर चुकी है।अब वो बडी़ संख्या में मौजूद बाइक वालों पर प्रहार करने वाली है। यदि विजुअल मीडिया में चल रही खबरों पर यकीन किया जाए तो आने वाले दिनों में लगभग 15 जुलाई से सभी दोपहिया वाहनों को टोल टैक्स देना होगा। इनके लिए फास्ट टैग का भी प्रावधान रखा गया है। देश पहले ही गरीबी महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहा है। ऐसे में रही सही कसर केंद्र की जन विरोधी नरेंद्र मोदी सरकार उठाने जा रही है।अब ये सरकार आम लोगों के खिलाफ बड़ा कदम उठाने जा रही है। एक ओर देश के जाने-माने उद्योगपतियों के लाखों करोड़ों रुपए राइट ऑफ हो रहे हैं यानी माफ हो रहे हैं । बुनियादी चीजों यानी होटल के बिल दूध मक्खन से जीएसटी वसूल कर सरकार अपना खजाना भर रही है। वही देश की गरीब जनता पर यह टैक्स लगाकर सरकार क्या अपने ताबूत में आखिरी कील ठोक रही है। समाजसेवी राजेश मंगल बताते हैं कि अधिकांश लोग इन दिनों बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं ऐसे में सरकार टोल नाकों पर दुपहिया वाहनों से राशि वसूलने की जुगत में है ,यदि ऐसा होता है तो यह आत्मघाती कदम होगा। केंद्र सरकार ने हालांकि इस बारे में कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। लेकिन जिस तरह से सरकार भारी भरकम टैक्स लाद कर जनता की कमर तोड़ रही है उससेये संभावना बलवती हो रही है। आने वाले दिनों में दो पहिया वाहनों पर टैक्स संबंधी मीडिया खबरों की सच्चाई पर भरोसा करें तो आने वाले दिनों में लोग केंद्र सरकार के फैसले से बेहद परेशान होने वाले हैं।