ग्वालियर।
18 मई को ग्वालियर का सूरज UAE गया था, नौकरी की तलाश में… उम्मीदों की उड़ान थी, लेकिन किस्मत ने ऐसा झटका दिया कि अब वो सिर्फ यादों में बचेगा।
25 मई को पत्नी से आखिरी बार बात हुई थी। बोला था – "जल्दी ही सब ठीक हो जाएगा"। लेकिन उसके बाद न फोन, न कोई खबर... और अब आया संदेश —
"सूरज का एक्सीडेंट में निधन हो गया है।"
पत्नी से बात करने के दूसरे दिन हो गई थी सूरज की मौत, एक महीने से मोर्चरी में रखा है शव, सरकार से लगाई जल्द लाश लाने की गुहार
जी हां, दुबई में एक्सीडेंट में उसकी मौत हो गई। कैसे हुआ? कब हुआ? किसकी लापरवाही थी? अब तक साफ नहीं है। सूरज की आखिरी बार अपनी पत्नी से 25मई को बात हुई थी जबकि अबू धाबी के सेहा अस्पताल की मोर्चरी में उसका शव 26 मई से रखा है।
पत्नी ने भारत सरकार और दूतावास से लगाई गुहार – "मेरे पति का पार्थिव शरीर जल्द से जल्द भारत लाया जाए।"
पूरा परिवार दिल्ली के लिए रवाना हो गया है। उम्मीद है सरकार इस दर्द को समझेगी, सिस्टम इस बार नींद में नहीं रहेगा।
सवाल कई हैं... पर जवाब एक भी नहीं।
दुबई में किस हालत में मिला सूरज का शव?
एक्सीडेंट था या कुछ और?
दूतावास की भूमिका क्या रही?
ग्वालियर का सूरज अब नहीं रहा,
बस एक ही काम बाकी है —
उसे इज्ज़त के साथ अपने घर लाना… अपनी मिट्टी में सुलाना।