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"झांसी की रानी के रणभूमि से उठी विकास की गूंज, बलिदान मेले में शहीदों को सलाम और अटल स्मृति में कैबिनेट मीटिंग का ऐलान!"

 ग्वालियर | 19 जून 2025 

ग्वालियर की ऐतिहासिक धरती पर बुधवार को कुछ ऐसा हुआ जो इतिहास में दर्ज हो गया। वीरांगना बलिदान मेला के समापन अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद पहुंचे और न सिर्फ महारानी लक्ष्मीबाई को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए, बल्कि शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री का बड़ा ऐलान — अटल जी की स्मृति में ग्वालियर में होगी कैबिनेट मीटिंग

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंच से घोषणा की कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में मप्र की कैबिनेट बैठक अब ग्वालियर में आयोजित होगी। उन्होंने कहा, “इससे अंचल के विकास की नई राह खुलेगी। अटल जी का यह गृहनगर है, और यह गौरव की बात होगी कि उनके नाम पर यहां निर्णय लिए जाएंगे।”



वीरांगना समाधि स्थल के सामने बनेगा विकसित मैदान

सीएम ने महारानी लक्ष्मीबाई की समाधि के सामने वाले मैदान को विकसित करने की घोषणा की। यहीं अंग्रेजों से घमासान हुआ था। समिति अध्यक्ष जयभान सिंह पवैया से उन्होंने कहा कि वह इसकी परिकल्पना तैयार करें, सरकार पूरा सहयोग करेगी।



खूब लड़ी मर्दानी… 250 कलाकारों ने किया इतिहास को जीवंत

बलिदान मेले की शान रहा महानाट्य “खूब लड़ी मर्दानी”। 60 मिनट की इस प्रस्तुति में 250 कलाकारों ने हिस्सा लिया। 15 बालिकाओं ने रानी लक्ष्मीबाई के जीवन को दर्शाया, वहीं विवाहोत्सव में 100 कलाकारों ने किया नृत्य। 9 मंच, 12 घोड़े और 2 ऊंटों की मौजूदगी ने इस नाट्य को भव्य बना दिया। निर्देशन चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार का रहा।


इन वीरों को किया गया सम्मानित


मेले के दौरान वीरता और त्याग को सलाम किया गया।


वैष्णवी शर्मा, अंडर-19 क्रिकेट टीम में बेहतर प्रदर्शन के लिए वीरांगना सम्मान से नवाजी गईं।


शहीद विवेक सिंह तोमर की पत्नी रेखा तोमर को मंच पर बुलाकर किया गया सम्मानित।


क्रांतिवीर मंगल पांडे के साथी दुर्गा सिंह के वंशज विजय सिंह सिसोदिया को भी किया गया गौरवपूर्ण अभिनंदन।



शस्त्र प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र


मेले में लगाई गई शस्त्र प्रदर्शनी ने भी दर्शकों को खूब आकर्षित किया। बच्चे हों या बुज़ुर्ग, हर कोई रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य से जुड़ी झलकियां देखने को बेताब नजर आया।



📍 26 वर्षों से लगातार आयोजित हो रहा वीरांगना बलिदान मेला अब सिर्फ आयोजन नहीं, बल्कि जनसंकल्प का प्रतीक बन गया है। और इस बार, इसमें ऐतिहासिक घोषणाओं की दस्तक ने इसे और ऐतिहासिक बना दिया।


👉 "वीरांगना लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे… मैं उन्हें प्रणाम करता हूं!"

— मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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