दतिया | The Xpose Express
दतिया के गोंदन थाना परिसर में आत्महत्या करने वाले दलित सहायक उप निरीक्षक प्रमोद पावन मामले में पुलिस विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रमोद पावन ने आत्महत्या से पहले रिकॉर्ड किए गए वीडियो में जिन अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे, उन्हें लाइन अटैच कर दिया गया है।
👮♂️ तीन अफसर लाइन अटैच थाना प्रभारी अरविंद भदौरिया, उनका चालक रूप नारायण और थरेट थाना प्रभारी अनाफुल हसन को फिलहाल लाइन हाजिर कर दिया गया है। प्रमोद पावन ने अपने वीडियो में इन तीनों को मानसिक प्रताड़ना का ज़िम्मेदार ठहराया था।
📹 "ये लोग मुझे जीने नहीं दे रहे" — प्रमोद पावन वीडियो में एएसआई प्रमोद पावन ने कहा कि उसे ईमानदारी से काम करने से रोका जा रहा था। रेत डंपर और गिट्टी के अवैध कारोबार को लेकर उस पर दबाव बनाया जा रहा था। अगर वह जीवित रहता, तो उसकी जान को इन्हीं अफसरों से खतरा था।
🧾 क्या दलित होने की सजा मिली? सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या प्रमोद पावन को सिर्फ इसलिए प्रताड़ित किया गया क्योंकि वह दलित था और भ्रष्टाचार के खिलाफ डटकर खड़ा था? वीडियो में उसकी तकलीफ साफ झलकती है, और अब पूरा मामला जातीय उत्पीड़न और विभागीय भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
🔍 एसपी ने दिए जांच के आदेश एसपी सूरज वर्मा ने इस पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि क्या जांच निष्पक्ष होगी या यह मामला भी विभागीय चुप्पी में गुम हो जाएगा?
🗣️ जनता का दबाव ही सच्चाई की गारंटी यह मामला केवल एक आत्महत्या नहीं, बल्कि सिस्टम के भीतर की घुटन और असहाय ईमानदारी की चीख है। अब यह जरूरी हो गया है कि आमजन इस केस की जांच और न्याय के लिए आवाज़ उठाएं।
📽️ The Xpose Express की टीम इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है। आपको हर अपडेट सबसे पहले यहीं मिलेगा।
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