📍नई दिल्ली | The Xpose Express
2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस में एक बड़ा मोड़ आया है। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा सभी 12 आरोपियों को बरी करने के फैसले पर आंशिक रोक लगा दी है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि बरी किए गए आरोपियों की रिहाई पर कोई रोक नहीं होगी।
🧑⚖️ जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की उस अपील को संज्ञान में लिया, जिसमें कहा गया था कि हाईकोर्ट का यह फैसला MCOCA जैसे कड़े कानूनों पर गलत नज़ीर बन सकता है।
⚖️ “इस फैसले को न माना जाए मिसाल” — सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा —
> “हम मानते हैं कि यह फैसला नजीर के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाए। अतः इस पर रोक लगाई जाती है।”
सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को निर्देश दिया है कि वे विस्तृत दलीलें पेश करें, और जल्द ही अगली सुनवाई की तारीख तय की जाएगी।
📌 क्या है मामला?
📅 11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार धमाकों में 189 लोग मारे गए और 800 से अधिक घायल हुए थे। मामले में गिरफ्तार 13 आरोपियों में से 12 को पिछले महीने बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था, जिसे महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
🔍 सरकार की चिंता
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले में कुछ टिप्पणियां MCOCA के तहत चल रहे अन्य मामलों को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए इस पर रोक जरूरी है।
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