मथुरा-पलवल रूट पर टक्कर रोकने में मिली बड़ी कामयाबी
नई दिल्ली/मथुरा। भारतीय रेलवे ने सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए कवच प्रणाली का सफल परीक्षण किया है। उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल में मथुरा-पलवल खंड पर किए गए इस लोको ट्रायल में पीछे से टक्कर (Rear-End Collision) और आमने-सामने की टक्कर (Head-On Collision) दोनों ही स्थितियों में प्रणाली ने बेहतरीन प्रदर्शन किया।
🔹 रियर-एंड कोलिजन टेस्ट:
परीक्षण में लोको-1 को होम सिग्नल के आगे और लोको-2 को ऑटो सिग्नल पर खड़ा किया गया। सिग्नल ओवरराइड के बाद जैसे ही लोको-2, लोको-1 की ओर बढ़ा, कवच प्रणाली ने स्वचालित ब्रेक लगा दिए। नतीजतन, लोको-2, लोको-1 से लगभग 326 मीटर पहले रुक गया और टक्कर टल गई।
🔹 हेड-ऑन कोलिजन टेस्ट:
इस परीक्षण में लोको-1 को विपरीत दिशा में चलाया गया और लोको-2 ने ब्लॉक सेक्शन में प्रवेश किया। कवच सक्रिय होते ही लोको-2 ट्रिप मोड में चला गया और लोको-1 से 5 किमी से अधिक दूरी पर रुक गया, जिससे आमने-सामने की टक्कर पूरी तरह टल गई।
🔹 इस्तेमाल किए गए लोको:
- 35023 WAP-5 (गाजियाबाद) — केरनक्स कवच युक्त
- 30234 WAP-7 (तुगलकाबाद) — एचबीएल कवच युक्त
🚄 क्यों है यह तकनीक अहम?
कवच प्रणाली रेलवे के लिए एंटी-कोलिजन टेक्नोलॉजी है, जो ट्रेनों को सिग्नल उल्लंघन और टक्कर से बचाती है। इस सफलता से यात्रियों की सुरक्षा में बड़ा सुधार होगा और हादसों को रोका जा सकेगा।
भारतीय रेल ने इसे देशभर में व्यापक रूप से लागू करने का संकल्प लिया है। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि यह तकनीक आने वाले समय में रेलवे सुरक्षा के एक नए युग की शुरुआत करेगी।
📌 सोशल मीडिया लिंक
🔗 Facebook: https://facebook.com/thexposeexpress
📷 Instagram: https://instagram.com/thexposeexpress
📺 YouTube: https://youtube.com/@thexposeexpress
"हम दिखाते हैं वो, जो सब छुपाते हैं… हम हैं The Xpose Express" 🚨