ग्वालियर
हाईकोर्ट में संविधान निर्माता डा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाए जाने का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। गुरुवार को इस मामले में भीम आर्मी की ओर से फूलबाग चौराहे पर प्रदर्शन किया गया ।
इस दौरान भीम आर्मी के कार्यकर्ता बैरिकेडिंग तोड़कर कलेक्टर कार्यालय की ओर बढ़ने लगे तो उन्हें पुलिस ने रोक लिया ।
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इस दौरान भीम आर्मी के कार्यकर्ता बैरिकेड पर चढ़ गए और नारेबाजी करने लगे। दरअसल भीम आर्मी के कार्यकर्ता पिछले दिनों ग्वालियर हाई कोर्ट के बाहर वकीलों द्वारा भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं की मारपीट से नाराज थे और वकीलों पर कार्रवाई न होने से उन्होंने प्रशासन पर कई सवाल खड़े किए। भीम आर्मी के इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील बैरसिया कर रहे थे। उन्होंने आजाद समाज पार्टी का झंडा लहराते हुए एक झंडे के नीचे लगे हुए डंडे को दिखाते हुए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का विरोध कर रहे वकील अनिल मिश्रा बार काउंसिल के जिला अध्यक्ष पवन पाठक और गौरव व्यास नाम के वकील का नाम डंडे पर लिखकर लाए थे और उन्हें खुली चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग बाबा साहब अंबेडकर और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं को अपशब्द बोल रहे थे। उनके लिए यह हमारा डंडा ही काफी है। भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील बैरसिया ने कहा कि प्रशासन बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा हाई कोर्ट में तत्काल लगाए। इसके अलावा उन्होंने भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं से मारपीट करने वाले वकीलों के खिलाफ भी लीगल एक्शन लेने की प्रशासन से मांग की। भीम आर्मी के प्रदर्शन को देखते हुए फूल बाग इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। हालांकि मौके पर मौजूद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निरंजन शर्मा और प्रशासन की ओर से ज्ञापन लेने आए एसडीएम अतुल सिंह का कहना था कि भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखी है उन्हें ज्ञापन मिला है हालांकि उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा लगाए जाने का मुद्दा माननीय हाई कोर्ट के अधीन है ऐसे में इस पर अंतिम निर्णय चीफ जस्टिस ही लेंगे। पुलिस प्रशासन का कहना था कि भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन की और अपने ज्ञापन दिए जाने की विधिवत अनुमति ली थी और उन्होंने शांतिपूर्ण ढंग से अपना ज्ञापन प्रशासन को दिया है जिसे आगे प्रेषित किया जाएगा।