नागौर
सोशल मीडिया पर इन दिनों नागौर छाया हुआ है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल के बयान को लेकर करणी सेना आक्रामक है।
क्षत्रिय बेनीवाल के राजपूतों के खिलाफ कथित अपमान को लेकर हमलावर है। बेनीवाल ने साफ कर दिया है कि उन्होंने अपनी तरफ से कुछ भी नहीं कहा है जो इतिहास में लिखा है वही उन्होंने दोहराया है।इसलिए माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं है। जाट समाज अपने आराध्य तेजाजी की जन्मस्थली खरनाल में एक बड़ा धार्मिक आयोजन आठ जून को करने जा रहा है। इसमें हजारों की संख्या में जाट समुदाय के लोग जुटने की संभावना जताई जा रही है। वहीं करणी सेना के प्रमुख राज शेखावत ने आरएलपी सांसद बेनीवाल को सबक सिखाने की घोषणा की है और उन्होंने क्षत्रिय समाज के युवाओं को 8 जून को नागौर पहुंचने की अपील की है। राजस्थान की भजन लाल सरकार फिलहाल स्थिति को भांप रही है और उसने अपने पास दोनों समाजों की गोपनीय रिपोर्ट मंगाई है। संभावना है कि सरकार लाखों की संख्या में है लोगों का जमावड़ा नहीं होने देगी क्योंकि ऐसी स्थिति में टकराव उत्पन्न हो सकता है। एक बार नागौर में यह टकराव शुरू हो गया तो इसका असर आसपास के राज्यों में फैल सकता है। इसलिए सरकार फूंक फूंक कर कदम उठा रही है ।दोनों समाजों के बुजुर्ग नेता इस मामले में संयम से काम लेने की अपील कर रहे हैं। फिलहाल 8 जून को नागौर का माहौल गर्म रहने वाला है। पूरे देश की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं। उल्लेखनीय है कि आरएलपी सांसद बेनीवाल ने एस आई भर्ती परीक्षा रद्द करने को लेकर धरना शुरू किया हुआ है ।इस दौरान उन्होंने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा था कि राजपूत ने अपनी बहन बेटियां मुस्लिम शासकों के हवाले की तब वह जाकर राज कर पाए। इसी को लेकर क्षत्रिय समाज और करणी सेना में उनके खिलाफ आक्रोश है।