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फिजिक्स में ‘सुनामी फेल’—बीएससी


फाइनल के सभी छात्र अनुत्तीर्ण, उग्र प्रदर्शन

ग्वालियर | जीवाजी यूनिवर्सिटी कैम्पस

मुख्य बिंदु 🚨

100% छात्रों को फेल बताया गया — साइंस कॉलेज-समेत एफिलिएटेड महाविद्यालयों की बीएससी फाइनल परीक्षा

टॉपर भी लुढ़के — टॉप रैंक पर रहने वाले छात्र-छात्राओं के नंबर भी शून्य या न्यूनतम

एडमिन ब्लॉक घेराव — रजिस्ट्रार के केबिन के बाहर घंटों नारेबाजी, ‘पेपर री-चेक करो’ की मांग

प्रशासन का पलटवार — “मूल्यांकन पारदर्शी, लापरवाही का सवाल ही नहीं”






क्या हुआ?

बुधवार सुबह नौ बजे से ही जीवाजी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के बाहर बीएससी फाइनल ईयर के सैकड़ों छात्र-छात्राएं जुट गए। हाथों में उत्तर पुस्तिकाओं की कॉपियां और ‘रिचेकिंग कराओ, न्याय दिलाओ’ लिखी तख्तियां—गगनभेदी नारे, तेज धूप में भी उबाल कम नहीं।

> “हम क्लास टॉपर हैं, पूरे सेमेस्टर 80%‒plus लाते रहे। एक ही पेपर में सब फेल कैसे?”
— प्रदर्शनकारी छात्रा, साइंस कॉलेज





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छात्रों का आरोप

1. मूल्यांकन में गड़बड़ी — फिजिक्स थ्योरी पेपर के अंक ‘00’, जबकि प्रैक्टिकल में 25/25


2. ओएमआर मिक्स-अप — कॉपी और ओएमआर शीट की सीरियल मिस-मैच का शक


3. पुनर्मूल्यांकन शुल्क पर आपत्ति — “विश्वविद्यालय की गलती, फीस हम क्यों भरें?”




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प्रबंधन का पक्ष

रजिस्ट्रार राकेश कुशवाह ने बयान जारी किया:

“परीक्षा प्रक्रिया त्रुटिहीन; मॉडरेशन और आउट-ऑफ-टेन चेक दो-दो बार हुआ।”

“फेल-रिज़ल्ट से असंतुष्ट छात्र नियमानुसार रिचैलेंज विकल्प चुन सकते हैं।”

“हंगामा अनुशासनहीनता, विवि नियम सख़्त।”



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आगे क्या?

डीन अकादमिक अफ़ेयर्स ने जांच समिति के संकेत दिए—48 घंटे में प्रारंभिक रिपोर्ट।

छात्र प्रतिनिधि मंगलवार, 1 जुलाई को पुन: जमा होंगे—री-इवैल्युएशन फ़ीस माफ़ी पर अड़े।

यदि समाधान नहीं, तो सामूहिक कक्षाओं का बहिष्कार और रोड चक्का जाम की चेतावनी।



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सवाल जो उठते हैं

क्या 100% फेल होना सिर्फ़ संयोग है?

मॉडरेशन-सिस्टम में कहीं ‘अबूझ बग’ तो नहीं?

प्रशासन ढाल पकड़े या पारदर्शिता की राह चुनेगा?



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