पन्ना जिले के रैपुरा तहसील में तैनात तहसीलदार चंद्रमणि सोनी आज लोकायुक्त की ट्रैप कार्रवाई में तीन हज़ार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिए गए।
ये कार्रवाई उस वक्त हुई जब शिकायतकर्ता कल्याण सिंह लोधी ने लोकायुक्त पुलिस सागर को बताया कि उसकी पत्नी द्रौपदी बाई की पैतृक ज़मीन पर रिश्तेदारों ने कब्ज़ा कर रखा है। कब्ज़ा हटाने के लिए तहसीलदार के न्यायालय में धारा 250 के तहत केस डाला गया था... लेकिन फ़ैसले के बदले तहसीलदार साहब ने रिश्वत की डिमांड कर डाली!
पहले तो 9000 की मांग की गई — जिसमें 4000 रुपये तहसीलदार ने अपने प्राइवेट ड्राइवर इंद्रपाल सिंह लोधी के जरिए ले लिए, लेकिन फिर भी आदेश नहीं दिया गया।
थक-हार कर कल्याण सिंह पहुंचा लोकायुक्त सागर के दरवाज़े... और फिर जो हुआ वो सिस्टम के लिए एक सीख बन गया।
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक योगेश्वर शर्मा के निर्देशन में निरीक्षक श्रीमती रोशनी जैन ने पूरे केस की जांच की। आरोप सही पाए गए और आरोपी ने बचे हुए तीन हज़ार रुपये लेने पर सहमति भी जताई।
और फिर आज, 9 जून 2025 को — जैसे ही आरोपी ने अपने सरकारी आवास पर 3000 रुपये लिए... लोकायुक्त टीम ने दबिश दी और रिश्वतखोर तहसीलदार को रंगे हाथों पकड़ लिया।
इस पूरे ऑपरेशन में निरीक्षक रोशनी जैन के साथ निरीक्षक अभिषेक वर्मा, निरीक्षक के.पी.एस. बेन और लोकायुक्त स्टाफ शामिल रहा।
पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के सख्त निर्देशों के चलते लोकायुक्त की ये ट्रैप कार्रवाई सिस्टम में बैठे भ्रष्ट अफसरों को साफ संदेश दे रही है — अब बख्शा नहीं जाएगा!
रिपोर्ट — अनिल शर्मा