नई दिल्ली
अमेरिकी अखबार 'द वॉशिंगटन पोस्ट' के एक आर्टिकल ने भारतीय मीडिया की दयनीय स्थिति को बखूबी बयां किया है। भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले युद्ध के दौरान गलत जानकारी फैलाने पर यह रिपोर्टिंग पत्रकार करिश्मा मल्होत्रा ने की है ।
उनकी रिपोर्ट के मुताबिक देश के मैन स्ट्रीम मीडिया में दोनों देशों के बीच युद्ध के दौरान गलत जानकारी के आधार पर ऐसी ऐसी रिपोर्टिंग की गई जिसका कोई सिर पैर नहीं था ।पाकिस्तान में आज भी इन मीडिया संस्थानों का मजाक बनाया जा रहा है। इसपर स्वतंत्र पत्रकार कुमकुम बिनवाल ने विस्तार से एक एक घटना का उल्लेख किया है।खास बात यह है कि जिन मैन स्ट्रीम मीडिया के लोगों से वॉशिंगटन पोस्ट की पत्रकार ने अपनी खबर के स्रोतों के बारे में जानकारी हासिल करना चाही तो सभी पत्रकारों ने इस गलत जानकारी वाली न्यूज़ रिपोर्टिंग पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। एक- दो पत्रकारों ने जरूर अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह गलत सूचनाओं के शिकार हो गए। इनमें कुछ अखबार भी शामिल है।द वाशिंगटन पोस्ट के आर्टिकल में कुछ भारतीय पत्रकारों के नाम भी उल्लेख किए गए हैं। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब भारतीय मीडिया अपनी विश्वसनीयता के लिए संघर्ष कर रहा है ।लोग विश्वसनीय खबरें देखने सुनने के लिए अब सोशल मीडिया का रुख कर रहे हैं।