ग्वालियर
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि शिक्षा ही व्यक्ति के समग्र विकास की धुरी है। लेकिन वंचित तबके के लोगों को हजारों सालों तक शिक्षा से दूर रखा गया ।
इस बात की अहमियत समझते हुए संविधान निर्माता एवं भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर ने अपनी पढ़ाई को उच्च शिखर तक पहुंचाया और बाद में उन्होंने इसी पढ़ाई के जरिए अपने सोए हुए समाज को जगाया।
उन्होंने कहा कि जिन ताकतों ने सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ने की कोशिश की अब ऐसे लोगों की कोशिश है कि देश की सभी यूनिवर्सिटियों में वह मनुस्मृति को पाठ्यक्रम में शामिल कराए। सामाजिक न्याय सम्मेलन में शिरकत करते हुए सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि तथाकथित ऊंचे तबके के लोगों ने बहुसंख्यक समाज को सालों तक मंदिरों में जाने से रोका उन्हें शिक्षा से दूर रखा, समाज में मान सम्मान नहीं दिया ऐसे लोगों की सबसे पहले खबर बाबा साहब ने ली और उन्हें सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने का मौका दिया। उन्होंने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि 1940 में जब शूद्रों को मंदिरों में प्रवेश नहीं करने दिया जाता था तब उनके पिता ने सभी समाज के लिए मंदिरों के पट खुलवा दिए थे।