कहा- सीवेज बहाना आश्चर्यजनक, नदी को बनाया जा रहा नाला
ग्वालियर। नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख और प्रख्यात समाजसेवी मेघा पाटकर ने मंगलवार को स्वर्णरेखा नदी के पुनरुद्धार कार्य का निरीक्षण किया और मौजूदा हालात पर कड़ी नाराज़गी जताई।
मेघा पाटकर ने कहा—
> "स्वर्णरेखा नदी के नीचे से सीवेज बहाया जाना अपने आप में चौंकाने वाला है। इसके ऊपर एलिवेटेड रोड बनाया जा रहा है और खुदाई में निकलने वाली मिट्टी नदी में डाली जा रही है। यह सब देखकर नदी को पुनर्जीवित करने की मंशा पर सवाल उठते हैं।"
🔹 उन्होंने साफ कहा कि
नदी को उसके प्राकृतिक स्वरूप में बहने देना चाहिए।
तटबंध बनाने से पहले स्थानीय लोगों की राय ली जानी चाहिए।
केवल ऊपर से सौंदर्यीकरण कर देना समाधान नहीं है।
🔹 उन्होंने बिहार की कोसी नदी का उदाहरण देते हुए चेताया कि
> "तटबंधों से कैसे हज़ारों लोग प्रभावित हुए थे, उससे सीख लेनी चाहिए।"
🟠 उन्होंने बताया कि स्वर्णरेखा नदी के संरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में डायरी दर्ज की गई है, और नदी विशेषज्ञ को एक्सपर्ट कमेटी में जोड़ने की जरूरत है। फिलहाल केवल ऊपरी तौर पर कार्रवाई हो रही है।
🌳 इसके अलावा, मेघा पाटकर ने वन विभाग द्वारा पर्यावरण संरक्षण के नाम पर किए जा रहे पेड़ारोपण कार्यों और खर्च पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा—
> "पर्यटन के नाम पर नदियों को बर्बाद किया जा रहा है। करोड़ों खर्च कर दिए जाते हैं, लेकिन नतीजा ज़ीरो होता है।"
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