मध्यप्रदेश में एक बार फिर उजागर हुआ फर्जीवाड़ा, EOW की ताबड़तोड़ कार्रवाई
ग्वालियर।
एसटीएफ को एक बड़ी गोपनीय जानकारी मिली जिसमें खुलासा हुआ कि मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में कुछ शासकीय सेवक एवं अन्य लोग फर्जी एवं कूटरचित जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरियों में चयनित हो चुके हैं। इस सूचना के आधार पर एसटीएफ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक संगठित गिरोह के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।
📌 मुख्य बिंदु:
1. एसटीएफ को गोपनीय सूचना मिली थी कि कुछ लोग 'अनुसूचित जाति' प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनवाकर विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी कर रहे हैं।
2. जांच में अब तक 25 शासकीय सेवकों की पहचान हुई है जो फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी में हैं।
3. यह कर्मचारी स्कूल शिक्षा विभाग, राजस्व, पंचायत, गृह, स्वास्थ्य, बिजली, पुलिस समेत अन्य विभागों में पदस्थ हैं।
4. यह सभी शासकीय सेवक नौकरी के समय अपने वास्तविक जातीय दस्तावेज छुपाकर फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सरकारी सेवा में चयनित हुए।
5. प्रारंभिक जांच में इनके दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। दस्तावेजों की जांच के लिए संबंधित जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाले विभागों को सूचित किया गया है।
6. गिरोह द्वारा कई अन्य लोगों को भी इसी तरीके से सरकारी सेवा में प्रवेश दिलाने की साजिश का खुलासा हुआ है।
7. गिरोह द्वारा तैयार फर्जी प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल लेखापाल, डॉक्टर, इंजीनियर, वेब डेवेलपर जैसे पदों पर भर्ती में भी किया गया है।
📢 बड़ा खुलासा – STF की 11 सदस्यीय टीम कर रही है जांच
इस गिरोह की गतिविधियों का खुलासा सूचनाकर्ता द्वारा गोपनीय तरीके से किया गया। उनके द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर एसटीएफ ने जांच टीम गठित की जिसमें पुलिस महानिदेशक के निर्देशन में विस्तृत पड़ताल की जा रही है।
👉 इस मामले में सभी संबंधित अधिकारियों से पूछताछ एवं दस्तावेजों की गहन जांच जारी है।
📌 निष्कर्ष:
फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी नौकरी पाने वालों के खिलाफ अब शिकंजा कसना शुरू हो गया है। जांच में जिन भी लोगों की संलिप्तता मिलेगी उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।