ग्वालियर, 14 जुलाई –
प्रदेश सरकार द्वारा मंदिरों से लगी जमीनों की प्रस्तावित नीलामी के खिलाफ ग्वालियर में पुजारी और महंतों ने एकजुट होकर मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को जिले भर के पुजारियों ने जिला कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और घंटी बजाकर प्रशासन को "जगाने" का प्रतीकात्मक संदेश दिया।
धरने पर बैठे संतों और पुजारियों का आरोप है कि सरकार वर्षों से मंदिर पेटे में दर्ज धार्मिक जमीनों को अब नीलाम कर राजस्व जुटाने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि ये ज़मीनें सिर्फ़ संपत्ति नहीं, बल्कि सनातन धर्म और लोककल्याण से जुड़ी परंपरा का हिस्सा हैं।
प्रदर्शनकारियों का यह भी आरोप है कि एक ओर सरकार हिंदू धर्म की रक्षा के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर मंदिरों की भूमि को कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुजारियों ने प्रशासन पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया, और कहा कि गौचर भूमि को प्रभावशाली लोगों के नाम कर दिया गया, जबकि मंदिर की ज़मीनें नीलाम करने की तैयारी हो रही है।
एक महंत ने तीखा बयान देते हुए कहा,
"जो जनप्रतिनिधि कल तक फाके काटते थे, आज सैकड़ों बीघा ज़मीन के मालिक बन गए हैं। सरकार को पहले इनकी जमीनों की जांच कर उन्हें नीलाम करना चाहिए, फिर मंदिरों की तरफ देखना चाहिए।"
पुजारियों ने चेतावनी दी है कि यदि यह निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो आंदोलन को राज्यव्यापी रूप दिया जाएगा।
📌 प्रशासन की प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है।
इस मामले में अब सबकी निगाहें शासन के अगले कदम पर टिकी हैं।