ग्वालियर का रियासतकालीन फूलबाग परिसर स्थित गोपाल मंदिर जन्माष्टमी पर भक्ति और भव्यता का संगम बना हुआ है।
लेकिन इस आयोजन में वो नज़ारा दिखा, जिसने लोगों को हैरान कर दिया।
शनिवार को छुट्टी के दिन सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया खोला गया, और वहां से निकाले गए 100 करोड़ से ज्यादा कीमत के गहने।
नगर निगम, पुलिस और राजस्व अफसरों की मौजूदगी में इन गहनों को सुरक्षा घेरे में मंदिर लाया गया…
जहां मंत्रोच्चार के बीच भगवान राधा-कृष्ण का श्रृंगार किया गया।
अब ज़रा सोचिए…
इतना बड़ा आयोजन… इतनी भारी सुरक्षा… करोड़ों के गहने…
लेकिन ग्वालियर की महापौर शोभा सिकरवार नदारद रहीं!
लोगों के बीच यही सवाल गूंज रहा है — क्या महापौर के लिए ये आयोजन मायने नहीं रखता?
मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। तेज धूप और उमस के बीच प्रशासन ने पंडाल लगाकर व्यवस्था संभाली है।
आधी रात को यहां नंद उत्सव मनाया जाएगा।
और रविवार को, छुट्टी के बावजूद बैंक फिर खुलेगा… गहनों को वापस लॉकर में रख दिया जाएगा।
याद रखिए — ये वही गहने हैं, जिन्हें सिंधिया शासकों ने भगवान राधा-कृष्ण के श्रृंगार के लिए बनवाया था।
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सवाल वही है — भक्ति और भव्यता तो दिखी… लेकिन राजनीति क्यों नहीं?
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