ग्वालियर से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर...
ग्वालियर में आयोजित दो दिवसीय रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव ने पूरे क्षेत्र की तस्वीर बदलने की उम्मीद जगा दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कॉन्क्लेव में शिरकत करने के बाद साफ शब्दों में कहा है कि यह आयोजन ग्वालियर-चंबल के लिए इतिहास रचने जैसा है।
मुख्यमंत्री का दावा है कि इस कॉन्क्लेव से सरकार के पास करीब 3500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं। इसका सीधा मतलब है कि आने वाले दिनों में यहां रोजगार, उद्योग और पर्यटन—तीनों सेक्टर में बड़े पैमाने पर नए मौके खुलेंगे।
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह आज़ादी के बाद का पहला रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव है। इस आयोजन में देशभर के होटल उद्योग, रिजॉर्ट, टूरिज्म और शिल्पकला से जुड़े प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने ग्वालियर-चंबल के लोगों और निवेशकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई भी दी।
मुख्यमंत्री ने बड़े ऐलान करते हुए कहा कि—
- ग्वालियर के ऐतिहासिक किले की खूबसूरती को और निखारा जाएगा, ताकि यह विश्व स्तर पर आकर्षण का केंद्र बन सके।
- राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय में नए शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू होंगे, जिससे क्षेत्र की संगीत परंपरा और कला को मजबूती मिलेगी।
- ग्वालियर-चंबल को सड़क और हवाई मार्ग से बेहतर कनेक्टिविटी दी जाएगी, ताकि पर्यटक आसानी से यहां पहुंच सकें।
- शिल्पकारों और कलाकारों को अपने हुनर से विश्व पटल पर पहचान और आमदनी का अवसर मिलेगा।
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जब औद्योगिक विकास के साथ पर्यटन भी बढ़ेगा, तभी क्षेत्र की समृद्धि सुनिश्चित होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न का हवाला देते हुए कहा कि पर्यटन सेक्टर को भी डिजिटल इंडिया की तर्ज पर डिजिटलाइज किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि अब ग्वालियर-चंबल सिर्फ अपनी ऐतिहासिक धरोहर के लिए ही नहीं, बल्कि रोज़गार और निवेश के नए गढ़ के रूप में भी देश और दुनिया में पहचाना जाएगा।
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🌍 ग्वालियर अब सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि भविष्य की पहचान भी बनेगा...
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