केंद्र सरकार पर असंगठित क्षेत्र के शोषण का आरोप, फूलबाग चौराहे पर मज़दूर संगठनों का प्रदर्शन
ग्वालियर।
केंद्र सरकार के नए श्रम कानूनों के खिलाफ आज ग्वालियर के फूलबाग चौराहे पर असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों और श्रमिक संगठनों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह मज़दूरों को गुलाम बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
श्रमिक संगठनों का कहना है कि सरकार ने 44 पुराने श्रमिक कानूनों को खत्म कर उन्हें केवल चार श्रम संहिताओं में समेट दिया है। इन संहिताओं से न केवल असंगठित बल्कि संगठित क्षेत्र के मज़दूरों के अधिकार भी छीने जा रहे हैं।
🔴 “12 घंटे काम, लेकिन वेतन वही पुराना!”
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नए कानूनों के तहत मज़दूरों से अब 8 की बजाय 12 घंटे तक काम लिया जा सकता है, लेकिन इसके बदले वेतन में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी।
श्रमिक नेता रामविलास गोस्वामी ने कहा—
“पहले तीन कृषि कानून लाकर किसानों को बंधक बनाने की कोशिश की गई थी, लेकिन विरोध के आगे सरकार को झुकना पड़ा। अब वही प्रयोग मज़दूरों के साथ किया जा रहा है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
📢 एकजुट हुए ये संगठन:
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
- बैंक एंप्लॉयीज़ एसोसिएशन
- निर्माण मज़दूर
- सफाई कर्मचारी
- असंगठित क्षेत्र के कई अन्य समूह
इन सभी ने फूलबाग चौराहे पर रैली निकालकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और श्रम संहिताओं को वापस लेने की मांग की।
🔻 प्रदर्शन से निकले सवाल:
🔹 क्या नए श्रम कानून मज़दूर विरोधी हैं?
🔹 क्या ये बदलाव कॉर्पोरेट हित में किए जा रहे हैं?
🔹 क्या सरकार को एक और आंदोलन झेलना पड़ेगा?
🗣️ ‘सरकार ने सुनना नहीं छोड़ा, हमने लड़ना नहीं!’
प्रदर्शन के दौरान एक स्वर में सभी संगठनों ने कहा—
"अगर सरकार ने श्रमिक विरोधी नीतियों को जारी रखा, तो देशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।"
📌 The Xpose Express पर पढ़ते रहिए ज़मीनी हकीकत की रिपोर्टिंग,
हम दिखाते हैं वो, जो सब छुपाते हैं।